बीजिंग। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग अक्तूबर के अगले हफ्ते चेन्नई के नजदीक महाबलिपुरम आएंगे। वह यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ दूसरी अनौपचारिक बैठक करेंगे। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच बैठक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एनएसी) को स्थिर रखने और व्यापार संबंध चर्चा का केंद्र बिंदु हो सकते हैं। यह दूसरी अनौपचारिक बैठक सीमा विवाद समाधान के अगले चरण की योजना बनाने और व्यापार घाटे को कम करने के लिए चीन को अधिक भारतीय उत्पादों का निर्यात करने के उपायों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार गलियारे की प्रगति पर भी ध्यान दिया जाएगा क्योंकि यह बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव से बाहर है। बैठक के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शी जिनपिंग को इस बात का आश्वासन देंगे कि अनुच्छेद 370 के ज्यादातर प्रावधानों को खत्म करने के बाद जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र प्रशासित प्रदेश में तब्दील करने से वास्तविक नियंत्रण रेखा प्रभावित नहीं होगी। इसकी वजह है कि विदेश मंत्री एस जयशंकर के आश्वासन के बावजूद चीन सावधान दिख रहा है। चीन के स्थायी प्रतिनिधि ने न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बैठक में 16 अगस्त को कश्मीर का मुद्दा उठाया था। बैठक में आतंकवाद निरोधी उपाय, अमेरिका-चीन ट्रेड वॉर और भू-अर्थशास्त्र और द्विपक्षीय पर इसका प्रभाव, इंडो-पैसिफिक निर्माण और तीसरा-देश के सहयोग पर बातचीत की।
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